उपवास

आदिनाथ भगवान के अलावा सब तीर्थंकरों ने बेला/तेला का नियम लेकर दीक्षा ग्रहण की थी ।
शायद यह एक संदेश हो कि उपवास शक्ति अनुसार ही करें, शरीर का ध्यान रखना भी जरूरी है ।

चिंतन

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One Response

  1. उपवास का मतलब अन्न,जल आदि सभी प्रकार के आहार का त्याग करना होता है या विषय कषाय को छोड़कर आत्मा में लीन रहना उपवास है।
    उपरोक्त कथन सत्य है कि उपवास एक तप है । ऐसा कोई नियम नहीं था या है कि उसको कितने समय तक लेना है, लेकिन आत्मा में लीन रहने के लिए शरीर को आहार की आवश्यकता होती है। साधु भी शक्ती अनुसार ही नियम लेते हैं, यदि आहार नहीं मिलता है तो ज़रा भी आकुलता नहीं रहती है।

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