अवांछनीय
ज़हर को जानो, धारण मत करो !
ऐसे ही अन्य अवांछनीय चीज़ों के लिये समझें।
(ज़हर से तो एक झटके में मृत्यु होती है। अवांछनीय चीज़ों से धीरे-धीरे, Slow Poison हैं)
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
ज़हर को जानो, धारण मत करो !
ऐसे ही अन्य अवांछनीय चीज़ों के लिये समझें।
(ज़हर से तो एक झटके में मृत्यु होती है। अवांछनीय चीज़ों से धीरे-धीरे, Slow Poison हैं)
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
One Response
मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने अवांछनीय का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए अवांछनीय को जानने का प़यास करना चाहिए लेकिन उसका उपयोग नहीं करना चाहिए।