कड़वी बातें
कड़वी गोलियाँ चबाई नहीं, निगली जाती हैं ।
उसी प्रकार जीवन में अपमान,असफलता ,धोखे जैसी कड़वी बातों को सीधे गिटक जाऐं…
उन्हें चबाते रहेंगे यानि याद करते रहेंगे तो जीवन कड़वा ही रह जाएगा ।
(सुरेश)
कड़वी गोलियाँ चबाई नहीं, निगली जाती हैं ।
उसी प्रकार जीवन में अपमान,असफलता ,धोखे जैसी कड़वी बातों को सीधे गिटक जाऐं…
उन्हें चबाते रहेंगे यानि याद करते रहेंगे तो जीवन कड़वा ही रह जाएगा ।
(सुरेश)
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One Response
Suresh chandra jain
Yah kathan bilkul sahi hai, jis tarha kadvi goliyan niglna chahiye usi tarha kadvi batein nigalana hee sahi hai; tabhi aapka jeevan sukhad rahega.