कमाई
कमाई कितनी करें ?
उतनी, जिससे अपनी जरूरतों तथा जरूरतमंदों की जरूरतों को पूरा कर सकें;
(पर घमंड़ ना आने लगे/पापाचार का मन ना होने लगे)
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
कमाई कितनी करें ?
उतनी, जिससे अपनी जरूरतों तथा जरूरतमंदों की जरूरतों को पूरा कर सकें;
(पर घमंड़ ना आने लगे/पापाचार का मन ना होने लगे)
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
One Response
उक्त कथन सत्य है कि कमाई उतनी यानी जितनी अपनी जरूरतों तथा जरुरतमंदों की जरुरतों की पूर्ति हो सकती हो। इसके अलावा धन कमाने में हिंसात्मक गतिविधियों से बचना आवश्यक है।धन अर्जिन में चाहे व्यापार या नौकरी या कृषि क्षेत्र हो सभी में अहिंसात्मक,शोषण रहित और नीतिगत होना चाहिए। इसमें घंमड नही आना चाहिए और पापाचार में मन नहीं लगना चाहिए।