कर्म
कर्म हमको घुमाता (घन-चक्कर करता) है, पर वह भी हमारे द्वारा घूमता है (कर्म अपना फल देकर दुबारा फिर-फिर बंध कर आता रहता है)।
क्षु. श्री जिनेन्द्र वर्णी जी
कर्म हमको घुमाता (घन-चक्कर करता) है, पर वह भी हमारे द्वारा घूमता है (कर्म अपना फल देकर दुबारा फिर-फिर बंध कर आता रहता है)।
क्षु. श्री जिनेन्द्र वर्णी जी
4 Responses
जीवन में जब कर्म घूमते रहते हैं, जो अपने परिणाम देते हैं। जीवन में अच्छे कर्मों का करना परम आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
Is context me, ‘घन-चक्कर’ ka kya meaning hai, please ?
कहावत है ।
ऐसा लगता है …
गणित में घन = Cube (raised to power 3) =
चक्कर × चक्कर × चक्कर
Okay.