कर्मोदय
गांधी जी एक गाल पर थप्पड़ खाने के बाद दूसरा गाल इसीलिये आगे कर देते थे, क्योंकि वे जानना चाहते थे कि मेरे पाप का उदय समाप्त हुआ या नहीं ।
मुनि श्री विनिश्चयसागर जी
गांधी जी एक गाल पर थप्पड़ खाने के बाद दूसरा गाल इसीलिये आगे कर देते थे, क्योंकि वे जानना चाहते थे कि मेरे पाप का उदय समाप्त हुआ या नहीं ।
मुनि श्री विनिश्चयसागर जी