कर्मोदय
पुण्यकर्म के उदय से युवावस्था में मांसपेशियाँ आदि शक्ति/ सुंदरता देती हैं।
वे ही पुण्य कम होने से वृद्धावस्था में दर्द/ बदसूरती।
चिंतन
पुण्यकर्म के उदय से युवावस्था में मांसपेशियाँ आदि शक्ति/ सुंदरता देती हैं।
वे ही पुण्य कम होने से वृद्धावस्था में दर्द/ बदसूरती।
चिंतन
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उपरोक्त कथन सत्य है कि पुण्यकर्म के उदय से युवावस्था में मांसपेशियां आदि शक्ति एवं सुन्दरता देती है! जबकि वे ही पुण्य कम होने पर वृद्धावस्था में दर्द एवं बदसूरती हो जाती है! अतः जीवन में पुण्य अर्जित करना आवश्यक है लेकिन पुण्य का खर्चा नहीं करना चाहिए ताकि पाप का उदय नहीं होना चाहिए ताकि जीवन को पुण्यमय बन सकता है!