यदि कषाय से दूर रहना है तो कषायीओं (कसाइओं) से दूर रहें ।
(अलका – नोयड़ा)
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कषाय—आत्मा में होने वाले क़ोधादि रुप कलुषता को कहते हैं।क़ोध,मान,माया और लोभ रुप कषाये होती है। अतः जीवन में उपरोक्त चार कषायो से दूर रहना चाहिए यानी कषायो को समाप्त करना आवश्यक है ताकि कल्याण हो सकता है।
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कषाय—आत्मा में होने वाले क़ोधादि रुप कलुषता को कहते हैं।क़ोध,मान,माया और लोभ रुप कषाये होती है। अतः जीवन में उपरोक्त चार कषायो से दूर रहना चाहिए यानी कषायो को समाप्त करना आवश्यक है ताकि कल्याण हो सकता है।