कुलाचार
जैन कुलाचार के अनुसार भगवान 18 दोष रहित, गुरु-निर्ग्रंथ, भोजन- शुद्ध, अहिंसा, अपरिग्रह, अनेकांत, आत्म-स्वतंत्रता।
ये कुलाचार सिर्फ मनुष्यों में होता है, पशु/ देवों तक मे नहीं होता।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
जैन कुलाचार के अनुसार भगवान 18 दोष रहित, गुरु-निर्ग्रंथ, भोजन- शुद्ध, अहिंसा, अपरिग्रह, अनेकांत, आत्म-स्वतंत्रता।
ये कुलाचार सिर्फ मनुष्यों में होता है, पशु/ देवों तक मे नहीं होता।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
One Response
मुनि महाराज जी का कुलाचार का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! अतः मनुष्यों को अपने कल्याण के लिए कुलाचार का पालन करना चाहिए!