जातिस्मरण

पिछले जन्म की धारणा जब इस जन्म में स्मृति में गहरा जाती है, घटना/क्षेत्रादि देखकर वह धारणा उभर आती है ।
पुनर्जन्म की घटनाओं से आत्मा और कर्म सिद्धांत पर विश्वास द्रढ़ होता है ।

मुनि श्री प्रणम्यसागर जी

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One Response

  1. जातिस्मरण का मतलब अपने पूर्व जन्म की किसी घटना विशेष का स्मरण हो जाना कहलाता है।
    अतः उक्त कथन सत्य है कि पिछले जन्म की धारणा जब इस जन्म में स्मृति में गहरा जाती है, घटना और क्षेत्रादि देखकर वह धारणा बन उभर जाती है। लेकिन इसके लिए पूर्वजन्म की घटनाओं से आत्मा पर विश्वास और उसके कर्म सिद्धांत पर विश्वास द़ढ होता हैं। जीवन में कर्म सिद्धांत पर विश्वास अवश्य होना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।

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