जैन अल्पसंख्या में ?
एक इंद्रिय – अनंत, त्रस – असंख्यात, मनुष्य – संख्यात, जैन और भी कम,
गुणवत्ता बहुलता में नहीं मिलती ।
चिंतन
एक इंद्रिय – अनंत, त्रस – असंख्यात, मनुष्य – संख्यात, जैन और भी कम,
गुणवत्ता बहुलता में नहीं मिलती ।
चिंतन
M | T | W | T | F | S | S |
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8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 |
15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 |
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One Response
गुणवत्ता जैन धर्म में ही मिलती है इसके कारण जनसंख्या कम मिलती है। जहां गुणवत्ता होती है उसकी संख्या कम मिलती है इसलिये अल्प संख्या की श्रेणी में आता है।