एक इंद्रिय – अनंत, त्रस – असंख्यात, मनुष्य – संख्यात, जैन और भी कम,
गुणवत्ता बहुलता में नहीं मिलती ।
चिंतन
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गुणवत्ता जैन धर्म में ही मिलती है इसके कारण जनसंख्या कम मिलती है। जहां गुणवत्ता होती है उसकी संख्या कम मिलती है इसलिये अल्प संख्या की श्रेणी में आता है।
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गुणवत्ता जैन धर्म में ही मिलती है इसके कारण जनसंख्या कम मिलती है। जहां गुणवत्ता होती है उसकी संख्या कम मिलती है इसलिये अल्प संख्या की श्रेणी में आता है।