ज्ञान की प्रमाणिकता जानने का साधन ?
चारित्र।
तभी तो कहा है → बिना अभ्यास ज्ञान विष समान। चारित्र ज्ञान की भाषा है।
कुलीनता/ अकुलीनता, कुटिलता/ सरलता, पवित्रता/ अपवित्रता की पहचान भी चारित्र से ही होती है।
ब्र. (डॉ.) नीलेश भैया
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ज्ञान को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए ज्ञान के लिए सतत् प़यास करना परम आवश्यक है।
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ज्ञान को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए ज्ञान के लिए सतत् प़यास करना परम आवश्यक है।