तीर्थंकर भारत में
तीर्थंकर भारत में ही क्यों ?
तीर्थंकर पुण्यात्माओं का कल्याण करने को बनते हैं (अपने कल्याण के साथ-साथ), अवतारवाद से भिन्न, जो पापियों का नाश करने आते हैं।
चूँकि पुण्यात्मा भारत में ही होते हैं (सच्चे गुरुओं के सान्निध्य की अपेक्षा) इसलिये तीर्थंकर भी यहीं होंगे न !
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
2 Responses
मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने तीर्थंकर भारत में को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है।
Beautiful post ! Namostu Gurudev !