त्याग

किसी का लोटा आपके पास आने तथा मालिक के द्वारा पहचाने जाने पर लोटा लौटाना त्याग नहीं है।
गरीब को लोटा देना त्याग है। क्योंकि आपने न किसी के डर से, नाही कुछ Return में पाने की भावना से लौटा दिया है।

शांतिपथ प्रदर्थक

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One Response

  1. उक्त पुस्तक शांन्तिपथ प़दर्थक जैन धर्म को समझने में पथ प़दर्थक है। त्याग का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। त्याग का मतलब अपनी वस्तु को दूसरे की आवश्यकता पर उसे देना कहलाता है। अतः जीवन के कल्याण के लिए त्याग की भावना रहना परम आवश्यक है।

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