दया

हमारी बसंतीबाई* के एक ही नाती है ।
नाती के पैर में एक बड़ी सी कील आरपार हो गई ।
बाई ने अपने दामाद से पूछा मालूम है ये परेशानी हमारे जीवन में क्यों आई ?
क्योंकि तुम पेड़ काटने का काम करते हो,  अब महसूस करो – हमारे बेटे और हमको एक कील लगने से कितनी पीड़ा हो रही है तो पेड़ों को कटने में कितना दर्द होता होगा, इस काम को तुरंत छोड़ दो ।
दामाद ने पेड़ काटने का जमा जमाया नियमित काम छोड़ दिया और अब वह मजदूरी करता है जो कि कभी मिलती है कभी नहीं ।

क्या हम समृद्ध होते हुये भी अपने व्यवसाय में अहिंसा धर्म का ध्यान रखते हैं ??

*बर्तन मांजने वाली, बिना पढ़ी लिखी।

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