दर्शन

दर्शन की पैदाइश* से दुःख।
दर्शन-शुद्धि सो जीवन शुद्धि।

ब्र. डॉ. नीलेश भैया

* देखने के भाव

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4 Responses

  1. दर्शन को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए दर्शन के लिए विशुद्धी होना परम आवश्यक है।

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