दूरियाँ
पुस्तक को आँखों के बहुत करीब रखने से पढ़ नहीं पाओगे तथा आँखों में भी दर्द होने लगेगा ।
सांसारिक संबंधों में भी उचित दूरी बनाये रखना दोनों के हित में होता है ।
(यह सावधानी गुरु तथा भगवान के साथ भी रखनी चाहिये)
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
पुस्तक को आँखों के बहुत करीब रखने से पढ़ नहीं पाओगे तथा आँखों में भी दर्द होने लगेगा ।
सांसारिक संबंधों में भी उचित दूरी बनाये रखना दोनों के हित में होता है ।
(यह सावधानी गुरु तथा भगवान के साथ भी रखनी चाहिये)
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
4 Responses
जीवन में दूरियां बनाए रखने का महत्वपूर्ण स्थान होना चाहिए जैसे पुस्तक को आंखों के बहुत करीब रखने पर पढ़ नहीं पाते हैं तथा आंखों में भी दर्द होने लगता है,इसी प्रकार सांसारिक संबंधों में भी उचित दूरी बनाए रखना दोनों के हित में होता है अतः यह सावधानी गुरु तथा भगवान् के साथ भी रखनी चाहिए। अतः जीवन में हमेशा उचित दूरियां बनाने का प्रयास करना उचित होगा ताकि जीवन का कल्याण हो सकता हैं।
Yeh savdhaani ” Bhagwan” aur “Guru” ke liye, kyun rakhni chahiye?
गुरु जी कहते थे—अति निकटता विनम्रता नष्ट कर देती है।
Okay.