दौड़-धूप
दौड़-धूप, यानि धूप में दौड़ना ।
धूप होती है सीमेंट के जंगलों में ।
गांवों में सुकून है, वहाँ किसान संग्रह के पीछे नहीं भागता, संग्रह करेगा तो नाश हो जायेगा (अनाज सड़ जायेगा) ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
दौड़-धूप, यानि धूप में दौड़ना ।
धूप होती है सीमेंट के जंगलों में ।
गांवों में सुकून है, वहाँ किसान संग्रह के पीछे नहीं भागता, संग्रह करेगा तो नाश हो जायेगा (अनाज सड़ जायेगा) ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
One Response
आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि आजकल शहरों में सड़कों और बहुमंजिला मकानों के कारण धूप ही धूप रहती है,इसका एक कारण वृक्षों का विनाश करना है। जबकि गांवों में सकून रहता है और किसान संग़ह के लिए भागता नहीं है, यदि संग़ह करेगा तो अनाज सड़ जावेगा। अतः गांवों में जिन्दगी को सकून मिलता है, उसे दौड़ धूप करने की आवश्यकता नहीं रहती है।