द्रव्य-श्रुत ज्ञान

जितने शब्द उतने द्रव्य-श्रुत।
निगोदिया जीवों के भी द्रव्य-श्रुत ज्ञान होता है।

निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी

Share this on...

4 Responses

  1. मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने द़व्य श्रुत ज्ञान की परिभाषा बताई गई है वह पूर्ण सत्य है।

  2. निगोदिया जीवों के द्रव्य-श्रुत ज्ञान kaise होता hai ?

    1. उनका ज्ञान एक अक्षर का अनंतवाँ भाग होता है। और अक्षर-ज्ञान को ही तो द्रव्य-श्रुत कहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...

Archives

Archives

December 17, 2023

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930