ध्यान
ध्यान-साधना के लिये, आसन-साधना आवश्यक है और आसन-साधना के लिये अशन (ऊनोदर)-साधना होनी ही चाहिये।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
ध्यान-साधना के लिये, आसन-साधना आवश्यक है और आसन-साधना के लिये अशन (ऊनोदर)-साधना होनी ही चाहिये।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
4 Responses
ध्यान का तात्पर्य चित की एकाग्रता होना होता है।
अतः आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि ध्यान साधना के लिए और आसन में साधना आवश्यक है।
Can meaning of the post be clarified, please ?
जब तक एक आसन पर स्थिर बैठने का अभ्यास नहीं होगा, ध्यान में स्थिर कैसे रह पायेंगे!
Okay.