नकली बुद्धि
आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को सब ने स्वीकार कर लिया है। यह वैसा ही है जैसे कालिदास जिस डाल पर बैठे थे उसी को काट रहे थे। यह हमारी रियल इंटेलिजेंस को बर्बाद कर रहा है। यही हाल रहा तो कुछ दिनों में हर घर वृद्धाश्रम बन जाएगा और सेवा करेंगे रोबोट।
उपयोगिता का संबंध भी समाप्त हो गया यानी जीवत्व समाप्त हो गया जो जीव का आखिरी काम था उपकार करना, वह भी समाप्त।
मुनि श्री सौम्य सागर जी (प्रवचन- 15 फ़रवरी)