नियति
भरत को सब ओर से दबाब ड़ाला गया कि वे अयोध्या की गद्दी पर बैठें – माँ, गुरू, राम सबने ।
भरत – मेरे भाग्य में गद्दी होती तो मैं बड़ा पुत्र क्यों नहीं होता !
मुनि श्री सुधासागर जी
भरत को सब ओर से दबाब ड़ाला गया कि वे अयोध्या की गद्दी पर बैठें – माँ, गुरू, राम सबने ।
भरत – मेरे भाग्य में गद्दी होती तो मैं बड़ा पुत्र क्यों नहीं होता !
मुनि श्री सुधासागर जी
One Response
यह कथन बिलकुल सत्य है। नियति को कोई टाल नहीं सकता है। नियति उनके कमोॅ के सिद्धांत पर आधारित है। भविष्य में कमोॅ की नियति को बदलने के लिए धमॅ से जुडने का प्रयास करना चाहिए।