जिस प़कार आम आदि फल पककर वृक्ष से पृथक हो जाता है,उसी प्रकार आत्मा को भला बुरा फल देकर कर्मों का झड़ जाना निर्जरा है। अतः यह कथन सत्य है कि वेदन हो पर वेदना ना हो उसे निर्जरा कहते हैं। Reply
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जिस प़कार आम आदि फल पककर वृक्ष से पृथक हो जाता है,उसी प्रकार आत्मा को भला बुरा फल देकर कर्मों का झड़ जाना निर्जरा है। अतः यह कथन सत्य है कि वेदन हो पर वेदना ना हो उसे निर्जरा कहते हैं।