निर्दोष व्रत
निर्दोष व्रत पालन के लिये विकथाओं तथा कषायों से बचना होगा। क्योंकि उनमें Involve होने से व्रती अपने से दूर चला जाता है, फिर वापस आने मे बहुत समय लग जाता है,
कारण ?
व्यर्थ की बातें असीम होती हैं। विकथा आदि लोभादि कषायों से ही की जाती हैं।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (तीत्थ.भा.- गाथा 20)
One Response
मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने निर्दोष व़त पालने का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है।