भावना भायें → मैं ऐसा बनूँ।
प्रभावना → सब जानें/ वैसे बनें।
सिर्फ़ महावीर भगवान का मनाने का नुकसान भी → जैन धर्म 2600 वर्ष पुराना है।
आदिनाथ भगवान ने संसार और परमार्थ की शिक्षा दी, उनका अवश्य मनाना चाहिये, “तीर्थकर दिवस” के रूप में।
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
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4 Responses
मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने निर्वाण दिवस को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में कल्याण के लिए इस दिवस पर बैराग्य की भावना ध्यान रखना परम आवश्यक है।
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मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने निर्वाण दिवस को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में कल्याण के लिए इस दिवस पर बैराग्य की भावना ध्यान रखना परम आवश्यक है।
‘सिर्फ़ महावीर भगवान का मनाने का नुकसान भी → जैन धर्म 2600 वर्ष पुराना है।’ Is line ka meaning clarify karenge, please ?
सिर्फ़ महावीर भगवान का जन्मदिन मनाएंगे तो लोग समझेंगे कि जैन धर्म महावीर भगवान के समय से शुरू हुआ है।
Okay.