परिणमन

कर्म परमाणुओं का भी परिणमन होता है –
स्कंध रूप फिर कर्म-वर्गणायें ।
जूस* युक्त  जूस रहित ।

* कर्म-फल देने की शक्ति

मुनि श्री प्रणम्यसागर जी

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4 Responses

  1. परमाणु का मतलब पुदगल द़व्य के अविभागी अंश होता है,यह एक प़देशी होता है। सभी परमाणुओं में स्पर्श,रस,गंध व वर्ण आदि गुण पाये जाते हैं, इसके अलावा इसकी उत्पत्ति स्कंध से होती है। स्कंध का मतलब परमाणुओं में परस्पर बंध हो चुका होता है या स्थूल रूप से पकड़ रखने आदि रुप व्यापार जिनमें वे स्कंध है, पृथ्वी,जल,प़काश,छाया आदि सभी पुदगल स्कंध होते हैं। वर्गणा का मतलब वर्गो के समूह को कहते हैं अथवा समान गुण वाले परमाणु पिण्ड को कहते हैं।
    अतः उक्त कथन सत्य है कि कर्म परमाणुओं का परिणमन होता है, इसमें स्कंध रुप फिर कर्म वर्गणाये यानी जूस युक्त बराबर जूस रहित होता है।

    1. परिणमन stages— परमाणु >> स्कंध >> कर्म वर्गणायें >> राग द्वेष से उनमें अनुभाग शक्ति >> फल देने के बाद >> कर्म वर्गणायें

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