पर्याय

जैसे हाइड़्रोजन और आक्सीजन मिलकर पानी बनता है,
हल्दी और चूना मिलते हैं , तो लाल रंग के जाते हैं ,
वैसे ही पुदगल और आत्मा मिलकर नया रूप/पर्याय बनाते हैं ।

पं. रतनलाल जी (इन्दौर)

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