पैंसिल

पैंसिल जैसे बनें – गलती होने पर आसानी से मिटायी जा सके ,
और दोबारा सही लिखा जा सके ।

चिंतन

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One Response

  1. कबीर दास जी ने भी कहा है कि निंदक नियरे राखिए।
    इसका मतलब, अगर कोई हमें हमारे भीतर कमी या गलती को बताता है तो हमें उसका शुक्रगुजार होना चाहिए।
    शुक्रगुजार क्‍यों होना चाहिए?
    क्‍योंकि वो भगवान के द्वारा भेजा हुआ वो दूत है जो हमारे दोषों/गलतियों को दूर करने में हमारी सहायता कर रहा है।
    यही सत्‍य है।

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