प्रकृति / परिस्थिति
परिस्थितिवश सैनिक राष्ट्र रक्षा में हिंसा, प्रकृतिवश डाकू (स्वभाववश)।
परिस्थिति – गाय को बचाने झूठ बोलना।
प्रकृति – गाय को बचाना।
मुनि श्री सुधासागर जी
परिस्थितिवश सैनिक राष्ट्र रक्षा में हिंसा, प्रकृतिवश डाकू (स्वभाववश)।
परिस्थिति – गाय को बचाने झूठ बोलना।
प्रकृति – गाय को बचाना।
मुनि श्री सुधासागर जी
4 Responses
मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने प़कृति एवं परस्थिति का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! अतः गाय को बचाना प़कृति है, जबकि परिस्थितियों में झूठ बोलना कभी कभी आवश्यकता पड सकती है!
Lekin agar ‘गाय को bachane’ ko ‘प्रकृति’ maane, to usko bachane ki ‘परिस्थिति’ aayegi hi kyun, jisase jhooth bolna pade ?
विकृति वालों से गाय को बचाने के लिए झूठ बोलना पड़ता है।
Okay.