महावीर भगवान की दिव्य-ध्वनि तब खिरी, जब प्रश्न-कर्ता मिला ।
प्रश्न के माध्यम से ही कर्ता मिला,
प्रश्न ने ही गौतम स्वामी को गणधर पद दिलवाया ।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
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4 Responses
भगवान् श्री महावीर स्वामी का केवल ज्ञान बैसाख सुदी 10 वीं को हुआ था लेकिन 66 दिन बाद ही भगवान् महावीर स्वामी के लिए प़श्न के लिए गोतम स्वामी को मोका मिला था इसलिए उनको गणधर पद मिला था। इसी तिथि से वीर सम्वत् प्रारंभ हुआ था। उसके बाद श्रेणिक को हर प़श्न का उत्तर मिलता था। अतः जो कथन किया है वह पूर्ण सत्य है।
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भगवान् श्री महावीर स्वामी का केवल ज्ञान बैसाख सुदी 10 वीं को हुआ था लेकिन 66 दिन बाद ही भगवान् महावीर स्वामी के लिए प़श्न के लिए गोतम स्वामी को मोका मिला था इसलिए उनको गणधर पद मिला था। इसी तिथि से वीर सम्वत् प्रारंभ हुआ था। उसके बाद श्रेणिक को हर प़श्न का उत्तर मिलता था। अतः जो कथन किया है वह पूर्ण सत्य है।
“कर्ता” ka is context mein kya meaning hai?
गौतम स्वामी के प्रश्नों से क्रिया संपादित हुई, इस अपेक्षा से उन्हें कर्ता कहा होगा ।
Okay.