प्रेम समरसता से साथ रहना, मोह जिसके बिना न रहा जाय ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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प़ेम-साधर्मी भाई जिसके के प़ति अनुराग होता है। अतः प़ेम समसरता के साथ रहना होता हैं लेकिन मोह जिसके बिना न रहा जाय।जीवन में मोह का त्याग करना चाहिए ताकि कल्याण हो ।
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प़ेम-साधर्मी भाई जिसके के प़ति अनुराग होता है। अतः प़ेम समसरता के साथ रहना होता हैं लेकिन मोह जिसके बिना न रहा जाय।जीवन में मोह का त्याग करना चाहिए ताकि कल्याण हो ।
“समरसता” ka kya meaning hai, please?
सम = बराबर/न कोई छोटा न बड़ा/total same(एक गुस्सा करे तब दूसरा ठंडा)
दोनों तरफ से बराबर रस बहे।
Okay.