छोटा हुआ तो क्या हुआ जैसे आँसू एक,
सागर जैसा स्वाद है; तू भी चख कर देख।
बिंदु की श्रद्धा ही, सिंधु की श्रद्धा है।
(ब्र.डॉ.नीलेश भैया)
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ब़ नीलेश भैया जी ने बिंदु सागर का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए छोटी छोटी काम की वस्तु का भी ध्यान रखना परम आवश्यक है।
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ब़ नीलेश भैया जी ने बिंदु सागर का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए छोटी छोटी काम की वस्तु का भी ध्यान रखना परम आवश्यक है।
Can symbolic meaning of the post be explained, please ?
बिंदु जैसी श्रद्धा, सिंधु बन सकती/ जाती है।
तुमने क्या पूछा है ? इसका क्या मीनिंग है ??
Okay.