बुरा समय
चोट लगे (स्थान) में चोट बहुत पीड़ा देती है ।
बुरे समय में किसी से उलझें नहीं, सावधानी बहुत रखें ।
(कोरोना भी तो हम सबके बुरे समय का परिणाम है, इससे उलझें/ डरें नहीं; बस सावधानी बहुत रखें)
मुनि श्री सुधासागर जी
चोट लगे (स्थान) में चोट बहुत पीड़ा देती है ।
बुरे समय में किसी से उलझें नहीं, सावधानी बहुत रखें ।
(कोरोना भी तो हम सबके बुरे समय का परिणाम है, इससे उलझें/ डरें नहीं; बस सावधानी बहुत रखें)
मुनि श्री सुधासागर जी
One Response
जीवन में चोट तो लगती रहती हैं, जिसमें शरीर या हृदय भी होता है।शरीर की चोट का उपचार होकर ठीक हो सकती हैं। लेकिन जब बुरा समय आता है तब आकुल व्याकुल हो जाता है। लेकिन जब बुरा समय आता है तब उससे अनुभव लेकर आगे का मार्ग प्रशस्त किया जा सकता है। इतना अवश्य है कि उस समय किसी से उलझने का प्रयास नहीं करना चाहिए बल्कि सावधानी रखना आवश्यक है।