सोलहकारण भावनाओं में 14 “भावनायें” हैं, “शक्ति” सिर्फ 2 हैं (शक्तितसत्याग और तप)।
सद्भावना पहले/ महत्त्वपूर्ण।
शक्ति भावना के बाद में।
मुनि श्री सुधासागर जी
Share this on...
4 Responses
मुनि श्री सुधासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि सोलहकारण भावनाओं में 14 भावनायें है, जबकि शक्ति सिर्फ 2 है यानी शक्तितसत्याग और तप! सद्भावना पहिले और महत्वपूर्ण! शक्ति भावना बाद में! अतः जीवन का कल्याण करना हो तो सोलहकारण भावनाओं का अपनाना पडेगा!
4 Responses
मुनि श्री सुधासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि सोलहकारण भावनाओं में 14 भावनायें है, जबकि शक्ति सिर्फ 2 है यानी शक्तितसत्याग और तप! सद्भावना पहिले और महत्वपूर्ण! शक्ति भावना बाद में! अतः जीवन का कल्याण करना हो तो सोलहकारण भावनाओं का अपनाना पडेगा!
‘Bhavnaaon’ se hi shaayad ‘Shakti’ praapt hoti hogi !
या कहें शुभ भावों/ भगवान के प्रति श्रद्धा/ भक्ति से शक्ति प्राप्त होती है।
Okay.