भेद-विज्ञान

पता कैसे चले कि भेद-विज्ञान हो गया है ?
पीड़ा में पीड़ित न होकर, जब उसे कर्म फल मानने लगें तो समझो भेद विज्ञान हो गया है।
इसके लिए स्वस्थ अवस्था में/ सुख में अभ्यास करें तब दु:ख में/ समाधिमरण में काम आएगा।
दु:ख सहोगे तो सुख आएगा/ ज्ञान देर तक रहेगा।

मुनि श्री प्रणम्य सागर जी

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2 Responses

    1. दु:ख के हालात में किए गए अनुभव गहरे होते हैं इसलिए देर तक याद रहते हैं।

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