भेद-विज्ञान

भेद-विज्ञान श्रद्धा तथा ज्ञान से नहीं होता बल्कि प्रज्ञा से होता है।
जैसे दूध में से घी को अलग करना सिर्फ ज्ञान से नहीं विधिवत क्रिया से होता है।

निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी

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9 Responses

  1. मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने भेद विज्ञान का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! अतः जीवन के कल्याण के लिए भेद विज्ञान पर श्रद्धान करके उसको जानना परम आवश्यक है!

  2. प्रज्ञा मतिज्ञानावरण कर्म का कारण है ?

    1. प्रज्ञा, मतिज्ञानावरण का कारण नहीं, क्षयोपशम का कारण है।

  3. Lekin, ‘प्रज्ञा’ ke liye kya ‘श्रद्धा’ ki jaroorat nahi hai ?

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