महावीर जयंती
आज के दिन ही भगवान महावीर का जन्म हुआ था ।
जब भगवान छोटे थे, उनके साथी उनसे मिलने आए तो महावीर की माँ से पूछा,
उन्होंने बताया – महावीर ऊपर हैं ।
वे ढ़ूँढ़ते – ढ़ूँढ़ते महल की छत पर पहुँच गए,
वहाँ उनके पिता मिले, उनसे भी पूछा तो जबाब मिला – महावीर नीचे हैं ।
साथी नीचे आने लगे तो महावीर बीच की मंज़िल पर मिल गए ।
साथियों ने पूछा – माँ कहतीं थी – तुम ऊपर हो, पिता ने कहा नीचे, सच किसे मानें ?
महावीर – यही तो अनेकांत है । एक ही स्थिति या वस्तु को अलग अलग व्यक्ति अलग अलग दृष्टि से देखते हैं । वे दृष्टिकोण एक दूसरे के विपरीत होते हुए भी, एक ही समय पर दौनों सत्य भी हो सकते हैं ।
इस अनेकांत के सिद्धांत को परिवार, समाज या देश कहीं पर भी अपनाकर आपसी झगड़ों को समाप्त किया जा सकता है ।