मान
मान को प्राय: हम बो* देते हैं, फिर मान की फसल लहराने लगती है।
साधुजन उसे बौना कर देते हैं तब वह न वर्तमान में न भविष्य में पीड़ा देता है।
निर्यापक मुनि श्री वीरसागर जी
* संरक्षण
मान को प्राय: हम बो* देते हैं, फिर मान की फसल लहराने लगती है।
साधुजन उसे बौना कर देते हैं तब वह न वर्तमान में न भविष्य में पीड़ा देता है।
निर्यापक मुनि श्री वीरसागर जी
* संरक्षण
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One Response
मुनि श्री वीरसागर महाराज जी का कथन सत्य है कि मान को बो देते हैं, फिर मान की फसल लहराने लगती है जबकि साधुजन उसे बोना कर देते हैं, न वह वर्तमान में न भविष्य में पीडा देता है! जीवन में मान की अपेक्षा नहीं करना चाहिए, लेकिन जीवन में मान मिलता रहे, उसके लिए अच्छा कार्य करते रहना चाहिए!!