मिट जाते हैं, मिटाने वाले;
लाश कहाँ रोती है !
रोते हैं जलाने वाले ।
(N.S.Jain)
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मिटाना का तात्पर्य समाप्त करना होता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि मिट जाते हैं मिटाने में,लाश कहां रोती है, लेकिन जलाने वाले होते है। अतः जीवन में किसी को मिटाने का प्रयास नहीं करना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
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मिटाना का तात्पर्य समाप्त करना होता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि मिट जाते हैं मिटाने में,लाश कहां रोती है, लेकिन जलाने वाले होते है। अतः जीवन में किसी को मिटाने का प्रयास नहीं करना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।