मिध्यात्व के 3 टुकड़े

मिध्यात्व के 3 टुकड़े कब होते हैं ?
इस बारे में दो मत हैं….
मुख्य/गौण की अपेक्षा….
1. करण (परिणाम) की विवक्षा → करण ने किये
2. काल लब्धि से हुए

मुनि श्री प्रणम्यसागर जी

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One Response

  1. मुनि महाराज जी ने मिथ्यात्व के 3 टुकड़े का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! अतः जीवन में मिथ्यात्व को छोडकर सम्यग्दर्शन को अपनाना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है!

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