“मुसीबतें” रुई से भरे थैले की तरह होती हैं;
देखते रहेंगे….तो बहुत भारी दिखेंगी;
और यदि उठा लेंगे…
तो
हल्की हो जायेंगी ।
(सुरेश)
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उक्त कथन सत्य है कि मुसीबतें रुई से भरे थेले की तरह होती हैं, जबकि देखने पर भारी दिखता है लेकिन उसको उठाने पर हल्का हो जाता है। अतः जीवन में मुसीबतें आती रहती है लेकिन उसको भार न समझकर उसको स्वीकार कर समाधान ढूंढने पर हल्का हो सकता है।
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उक्त कथन सत्य है कि मुसीबतें रुई से भरे थेले की तरह होती हैं, जबकि देखने पर भारी दिखता है लेकिन उसको उठाने पर हल्का हो जाता है। अतः जीवन में मुसीबतें आती रहती है लेकिन उसको भार न समझकर उसको स्वीकार कर समाधान ढूंढने पर हल्का हो सकता है।