सुनारों की दुकानों पर झाडू उल्टी लगती है (बाहर से अंदर की ओर)।
फिर कचड़े को भरकर घर ले जाते हैं।
बहुत लम्बी विधि जैसे धोना, तेजाब डालना, आदि से उस कचड़े में से चांदी-सोने का चूरा निकालते हैं।
मंकू-ग्वालियर
Share this on...
2 Responses
उपरोक्त उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! सुनारों का कार्य इसी प़कार का होता है, सोना चांदी की कीमत होती है, उसके छोटे छोटे टुकड़े भी कीमत रहती है, इससे सुनार अपनी मेहनत से अतिरिक्त कमा लेता है!
2 Responses
उपरोक्त उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! सुनारों का कार्य इसी प़कार का होता है, सोना चांदी की कीमत होती है, उसके छोटे छोटे टुकड़े भी कीमत रहती है, इससे सुनार अपनी मेहनत से अतिरिक्त कमा लेता है!
नित्य पैर उल्टे चलो,
जोड़ होत मजबूत।
उल्टी झाड़ू सुनार की,
धन देती है खूब।।