मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने मोक्ष को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए मोक्ष के भाव रखना परम आवश्यक है। Reply
‘पुण्य रूप है(क्योंकि आज भी पुण्यबंध में कारण है)’; Is sentence ka meaning clarify karenge,please? Reply
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मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने मोक्ष को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए मोक्ष के भाव रखना परम आवश्यक है।
‘पुण्य रूप है(क्योंकि आज भी पुण्यबंध में कारण है)’; Is sentence ka meaning clarify karenge,please?
मोक्ष के चिंतन/ स्वाध्याय में मोक्ष को विषय बनाने से पुण्य बंध होगा ना।
Okay.