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गन्ने में जहाँ गाँठ होती हैं, वहाँ रस नहीं होता…!
जहाँ रस होता हैं, वहाँ गाँठ नहीं होती…!
बस जीवन भी ऐसा ही है,
यदि मन में किसी के लिए नफ़रत की गाँठ होगी,
तो हमारा जीवन भी बिना रस का बन जाएगा…!
जीवन का रस बनाए रखना हो तो….
नफ़रत की गाँठ को निकलना ही होगा…! 🚩
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(सुरेश)
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2 Responses
श्री सुरेश जी ने रसमय जीवन का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए नफरत की गांठ को निकालना परम आवश्यक है।
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श्री सुरेश जी ने रसमय जीवन का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए नफरत की गांठ को निकालना परम आवश्यक है।
कौन हैं ? सुरेश जी ??
2) Comments में नाम ठीक करायें ।