रागद्वेष / मोह

रागद्वेष, कषाय जन्य हैं,
मोह मिथ्यात्व से उत्पन्न/प्रेरित होने वाली चीज है ।

गुरुवर मुनि श्री क्षमासागर जी

Share this on...

One Response

  1. उपरोक्त कथन सत्य है कि राग-द्वेष,कषाय जन्य है, लेकिन मोह मिथ्यात्व से उत्पन्न और प़ेरित होने वाली चीज है। अतः जीवन में जब तक मोह दूर नहीं होता हैं,तब तक कषायें बनी रहेंगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...

Archives

Archives

September 26, 2020

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930