लगाव
हमारे तो लगावों के तारों में भी गांठें हैं,
वे गांठे कब खुल जायेंगी, इसका भय बना रहता है ,
तभी तो हम अपने बेटे/पत्नी का नाम Fix Deposit में नहीं ड़ालते, अपने नाम से कराते हैं ।
ब्र. नीलेश भैया
हमारे तो लगावों के तारों में भी गांठें हैं,
वे गांठे कब खुल जायेंगी, इसका भय बना रहता है ,
तभी तो हम अपने बेटे/पत्नी का नाम Fix Deposit में नहीं ड़ालते, अपने नाम से कराते हैं ।
ब्र. नीलेश भैया