वचन
वचन 2 प्रकार –
1. शिष्ट प्रयोग
2. दुष्ट प्रयोग
कुल 12 प्रकार के, इनमें 11 दुष्ट प्रयोग, जैसे अव्याख्यान (टोकना), कलह।
शिष्ट प्रयोग – सम्यक् दर्शन वाक्।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (जीव काण्ड: गाथा – 366)
तो समझदारी मौन रहने में ही होगी ना।
चिंतन
3 Responses
मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने वचन को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए शिष्ट प़योग होना परम आवश्यक है।
शिष्ट प्रयोग kya ek hi type ka hai ? Ise clarify karenge, please ?
हां,
बाकी 11 दुष्ट, इसीलिए तो मौन रहने को कहा।