वर्तमान

वर्तमान मे जीना ही समझो “मन का स्थिर होना है” ।
आचार्य कहते हैं… सारी योजनायें छोड़ दो, मात्र वर्तमान का अनुभव करो ।
जो वर्तमान का उपयोग करेगा, वह अवश्य ही आगे चलकर वर्धमान बनेगा ।

(श्री संजय)

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2 Responses

  1. सुप्रभात के लिए लिये लिखा है, बहुत सुन्दर सन्देश है… अंधेरे के बाद उजाला आयेगा, उसकी प्रतीक्षा करना होगा तभी आपका कल्याण होगा।

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