जो वेदन कराये सम्यग्दर्शन का उसे वेदक-सम्यग्दर्शन कहते हैं । यह आयतनों से जुड़े रहने से बना रहता है।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (शंका समाधान – 34)
मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने वेदक सम्यगदर्शन को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है।
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मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने वेदक सम्यगदर्शन को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है।