व्यक्त / अभिव्यक्त
प्रश्न यह नहीं कि आपके पास शक्ति, सामग्री, संपत्ति कितनी है ! प्रश्न है कि व्यक्ति कैसा है!! क्योंकि यह तीनों तो अधम को भी प्राप्त हो जाती हैं। आज के साधन प्राय: अवनति के कारण हैं, विरले ही लोग उनके होते हुए प्रगति करते हैं।
पिछले जन्म से रत्न की गाड़ी भर के लाए थे, कचरा भर के ले जा रहे हैं। प्रश्न यह नहीं की सीढ़ी है या नहीं, प्रश्न यह है की सीढ़ी लगी कहां है ? कुएं के पास या छत के पास, नीचे ले जाने को या ऊपर जाने को !
व्यक्त नहीं अभिव्यक्ति महत्वपूर्ण है/ अभिप्राय महत्वपूर्ण है। मंदिर जाने का विचार इसलिए किया क्योंकि डॉक्टर ने कहा था (सेहत बनाने को) व्यक्त तो सही लग रहा है लेकिन आपका अभिप्राय उच्च नहीं।
आर्यिका श्री पूर्णमति माता जी
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आर्यिका श्री पूर्णमती माता जी ने व्यक्त एवं अभिव्यक्ति का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए व्यक्त की जगह अभिव्यक्ति पर ध्यान रखना परम आवश्यक है।